Sunday 4 December 2016

वाणिज्य एवं उद्योग

वाणिज्य एवं उद्योग


वाणिज्य एवं उद्योग निदेशालय की प्रमुख जिम्मेदारी देश में औद्योगिक विकास और इसके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना तथा उद्योगों में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए निदेशालय सुविधाओं के साथ ही साथ सब्सिडी व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराता है। उद्योगों को व्यवसायी, बिजली, भूमि और पानी के साथ ही राजकोषीय प्रोत्साहन उपलब्ध कराना भी निदेशालय की ही जिम्मेदारी है

रसायन और पेट्रोरसायन

अध्याय 28 (टाइटेनियम डाइऑक्साइड को छोड़कर), अध्याय 29 (मैनिटोल, सॉर्बिटोल और कैप्रोल्श्यिम को छोड़कर) अध्याय 31 और शीर्षकों 3201 से 3207 (टाइटेनियम डाइऑक्साइड आधारित रंजकों और उत्पादों को छोड़कर), 3403, 3801-3807, 3809 (कुछ अपवादों को छोड़कर) 3810, 3812, 3816, 3817, 3821, 3824 (3824 60 को छोड़कर), 3901-3907 और 39909 3915 के अंतर्गत् आने वाले सामानों पर सीमा शुल्क को 12.5% से घटाकर 7.5% कर दिया गया है। वहीं ग्लिसरॉल वाटर और ग्लिसरॉल लाइस पर 30% से 20%, विकृत एथिल एल्कोहल पर 10% से 7.5% और टाइटेनियम डाइऑक्साइड तथा इस पर आधारित रंजकों और उत्पादों पर सीमा शुल्क घटा कर 12.5% से 10% कर दिया गया है।

तेल और प्राकृतिक गैस

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय पर तेल और प्राकृतिक गैस की खोज और उत्पादन की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही वह और द्रवीभूत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात तथा पेट्रोलियम पदार्थों के शोधन, विपणन, वितरण, आयात, निर्यात और पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण का काम भी करता है।

भारत अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा फोरम (आईईएफ), जो उत्पादन और उपभोक्ता देशों के ऊर्जा मंत्रियों की द्विवार्षिक बैठक के लिए एक मंच प्रदान करता है का एक सदस्य है। यह मंच पहले तेल उत्पादक और उपभोक्ता देशों के बीच "उत्पादक-उपभोक्ता वार्ता" मंच के रूप में जाना जाता था। आईईएफ का स्थायी सचिवालय रियाद में है। सचिवालय का मिशन राजनीतिक स्तर पर वैश्विक ऊर्जा पर होने वाली बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और मजबूत बनाना है।


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